पाठकों से निवेदन

इस ब्लोग पर तंत्र, मंत्र, ज्योतिष, वास्तु व अध्यातम के क्षेत्र की जानकारी निस्वार्थ भाव से मानव मात्र के कल्याण के उद्देश्य से दी जाती है तथा मैं कोई भी फीस या चन्दा स्वीकार नहीं करता हुं तथा न हीं दक्षिणा लेकर अनुष्ठान आदि करता हुं ब्लोग पर बताये सभी उपाय आप स्वंय करेगें तो ही लाभ होगा या आपका कोई निकट संबधी निस्वार्थ भाव से आपके लिये करे तो लाभ होगा।
साईं बाबा तथा रामकृष्ण परमहंस मेरे आदर्श है तथा ब्लोग लेखक सबका मालिक एक है के सिद्धान्त में दृढ़ विश्वास रखकर सभी धर्मों व सभी देवी देवताओं को मानता है।इसलिये इस ब्लोग पर सभी धर्मो में बताये गये उपाय दिये जाते हैं आप भी किसी भी देवी देवता को मानते हो उपाय जिस देवी देवता का बताया जावे उसको इसी भाव से करें कि जैसे पखां,बल्ब,फ्रिज अलग अलग कार्य करते हैं परन्तु सभी चलते बिजली की शक्ति से हैं इसी प्रकार इश्वर की शक्ति से संचालित किसी भी देवी देवता की भक्ति करना उसी शाश्वत निराकार उर्जा की भक्ति ही है।आपकी राय,सुझाव व प्रश्न सीधे mahesh2073@yahoo.comपर मेल कीये जा सकते है।

Saturday, July 23, 2011

केमिकल लोचा-सांई बाबा मुझसे बोले ???? पार्ट तृतीय

अपनी बात को आगे बढाते हुये वे बोले कि तुं व्यर्थ ही ग्रन्थों व मेरे उपदेशों का अध्ययन करता है क्यों कि तुं उनको व्यवहार में नहीं लाता याद कर मेरे गुरू तो मेरे को रस्सी से बांध कर कुंए में उलटा लटका कर कहीं चले गये थें काफी समय बाद आकर उन्होने पुछा कि में कैसा अनुभव कर रहा था उस समय मेरा प्रत्युतर था कि मैं असीम आनंद की अनुभुति कर रहा था मेरा यह प्रत्युतर झूठ नहीं था वास्तव में मुझे मेरे गुरू की कृपा व शक्तियों पर पूर्ण विश्वास था मैं जानता था इसमें मेरा कोई हित है इसलिये मुझे बड़ा आनंद आ रहा था परन्तु तुझे तो मैने रस्सी से बांधकर कुंए में उल्टा नहीं लटकाया है फिर चीख पुकार क्यों ?

अबके मेरे पास कोई जबाब नहीं था।

उन्होने अपनी बात आगे बढायी वे बोले तुं हमेशा कहा करता था मैने इतने ओडिट आक्षेप निरस्त करवाये मैने इतनी वसूली करवायी मैने ये किया वो किया तेरी इस आत्मप्रशंसा को सुनकर मैं बहुत प्रसन्न हो गया तथा मैने सोचा तेरे जैसे होशियार आदमी की तो इस कार्यालय में सख्त आवश्यकता है पर यहां आते ही तेरा वो पराक्रम तेरी वो होशियारी कहां चली गयी समझ में नहीं आता।
स्थितप्रज्ञ होकर पराक्रम दिखा वरना व्यर्थ चीख पुकार मत मचा मेरी फोटो के आगे बैठ कर घंटी बजाना भक्ति नहीं है मेरे द्वारा समय समय पर सौंपे गये कार्यों को पूरी निष्ठा व पराक्रम से करना ही भक्ति है।

क्रमशः......शेष अगले अंक में।
अगला भाग पढने के लिये निम्न लिंक पर जावें:-

केमिकल लोचा-सांई बाबा मुझसे बोले ???? अतिंम भाग


2 comments:

  1. बहुत रुचिकर आपबीती श्रृंखला।आध्यात्मिक दृष्टिकोण
    और जीने की कला का समन्वय है इसमें।अगले अंक का
    इन्तजार रहेगा

    ReplyDelete
  2. bahut seekha apke anubhav se ki ishwar humse kitna pyar karte hain aur humse kya chahte hain. hume rasta bhi dikhate hain . bus hame unke ishare ko samajhna hai.

    agle aank ke intezar mein

    ReplyDelete

Please give your comments to improve our work and any query about this article we try to reply all comments by follow up comments.
आपके कमेंटस मेरे कार्य में सुधार करने में मदद कर सकते हैं।

Featured Post

भूत देखने के लिये प्रयोग

आप भूत प्रेत नहीं मानते हो तों एक सरल सा प्रयोग मैं आपको बता देता हूं ताकि आप भूत जी के दर्शनों का लाभ उठा सकें यह प्रयोग मुझे एक तांत्रिक न...