पाठकों से निवेदन

इस ब्लोग पर तंत्र, मंत्र, ज्योतिष, वास्तु व अध्यातम के क्षेत्र की जानकारी निस्वार्थ भाव से मानव मात्र के कल्याण के उद्देश्य से दी जाती है तथा मैं कोई भी फीस या चन्दा स्वीकार नहीं करता हुं तथा न हीं दक्षिणा लेकर अनुष्ठान आदि करता हुं ब्लोग पर बताये सभी उपाय आप स्वंय करेगें तो ही लाभ होगा या आपका कोई निकट संबधी निस्वार्थ भाव से आपके लिये करे तो लाभ होगा।
साईं बाबा तथा रामकृष्ण परमहंस मेरे आदर्श है तथा ब्लोग लेखक सबका मालिक एक है के सिद्धान्त में दृढ़ विश्वास रखकर सभी धर्मों व सभी देवी देवताओं को मानता है।इसलिये इस ब्लोग पर सभी धर्मो में बताये गये उपाय दिये जाते हैं आप भी किसी भी देवी देवता को मानते हो उपाय जिस देवी देवता का बताया जावे उसको इसी भाव से करें कि जैसे पखां,बल्ब,फ्रिज अलग अलग कार्य करते हैं परन्तु सभी चलते बिजली की शक्ति से हैं इसी प्रकार इश्वर की शक्ति से संचालित किसी भी देवी देवता की भक्ति करना उसी शाश्वत निराकार उर्जा की भक्ति ही है।आपकी राय,सुझाव व प्रश्न सीधे mahesh2073@yahoo.comपर मेल कीये जा सकते है।

Wednesday, August 26, 2009

चश्मा हटाने के लिये चाक्षुषोपनिषद


यह चाक्षुषोपनिषद सन्त आसाराम जी बापू की आरोग्य निधि पुस्तक में दी गयी है वहां से संक्षेप में इसका उद्वरण आम जन के हित के लिये किया जा रहा है।बापू जी कहते हैं कि जो कोई इस चाक्षुष्मति विधा का नित्य पाठ करता है उसको नेत्र रोग नहीं होते हैं तथा उसके कुल में कोई भी अन्धा नहीं होता है।

आप इस चाक्षुषी विधा का पाठ करके अपना चश्मा हटा सकते हैं चश्मा हटाने पर पूर्ण विवरण मैने मेरे मूल अंग्रेजी के ब्लोग पर निम्न लिंक पर दिया है कृपया वहां से पढ़ें यहां केवल चाक्षुषोपनिषद का वर्णन दिया जा रहा है।
http://popati.blogspot.com/2009/08/how-to-get-rid-glasses-spectacles-or.html
विनियोगः- हथेली में जल लेकर निम्न विनियोग मन्त्र बोलें तथा जल धरती पर गिरा देवें।ॐ अस्याश्चाक्षुषी विधाया अर्हिबुर्धन्य ऋषि । गायत्री छन्द । सूर्यो देवता । चक्षुरोगनिवृतये जपे विनियोगा ।

पाठः- फिर निम्न पाठ करें

ॐ चक्षुः चक्षुः तेज स्थिरो भव । मां पाहि पाहि । चक्षु रोगान शमय शमय । मम जातरूपं तेजो दर्शय दर्शय यथा अह अन्धो न स्यां तथा कल्पय कल्पय । कल्याणं कुरू कुरू याति मम पूर्वजन्मोपार्जितानी चक्षु प्रतिरोधक दुष्कृतानि सर्वाणी निर्मूल्य निर्मूल्य । ॐ मम चक्षुस्तेजोदात्रे दिव्याय भास्कराय । ॐ नम करूणाकराय अमृताय ॐ नमः सूर्याय ॐ नम भगवते सूर्याक्षि तेजसे नमः।खेचराय नमः । महते नमः । रजसे नमः । तमसे नमः । असतो मा सदगम्य तमसो मा ज्योर्तिगम्य ।मृत्र्यो मा अमृतं गमय ।उष्णो भगवांछुचिरूपः हसांे भगवान शुचिप्रति-प्रतिरूप । य इमां चाक्षुष्मति विधां ब्राहमणो नित्यमधीते न तस्याक्षिरोगो भवति न तस्य कुले अन्धो भवति । अष्टौ ब्राहमणान सम्यग ग्राहयित्वा विधा सिद्धिर्भवति।ॐ नमो भगवते आदित्याय अहोवाहिनी अहोवाहिनी स्वाहा।
चश्मा हटाने पर पूर्ण विवरण मैने मेरे मूल अंग्रेजी के ब्लोग पर निम्न लिंक पर दिया है कृपया वहां से पढ़ें

1 comment:

  1. Sir can this be used for cataract.

    Kya isko motiabind Mein Bhi use kar sakte hain?

    ReplyDelete

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